दोस्त....
दोस्त....
दोस्तों को बताना नहीं पड़ता
वो जान लेते हैं बिन कुछ कहे
चेहरा देख कर, आवाज सुन कर,
आंखें पढ़ लेते हैं, कोई
जादूगर ही होते हैं ये दोस्त।
सब जान जाते है
कितना भी छुपा लो,
नहीं छिपा सकते
कोई भी खुशी अधूरी ही
होती है दोस्तों के बगैर और
अगर कोई गम हो तो वो
तो टिक ही नहीं सकता।
एहसान नहीं होता बस
हक होता है
दोस्तों को बुलाना नहीं पड़ता
खुद ही चले आते हैं
बस जरा याद करो,
और शैतान हाजिर।
कोई वैभव कोई संपन्नता या
निर्धनता का वजूद नहीं होता।
दोस्त बस दोस्त होता है जिसको
बताना नहीं पड़ता।
बुलाना नहीं पड़ता।