नीर
नीर
सबकी आंखें नम हो गईं,दास्तांन हमारी सुन कर,
और हम मुस्कुराते रह गए हाल पर अपने।।
जिंदगी के किसी मोड़ पर शायद वो हमसे आ मिलें,
ताज्जुब है बहुत मुझे खयाल पर अपने।।
वो भी करते होंगे मुहब्बत हमसे,
आस उन्हें भी होगी की नहीं, मुलाकात की,
सवाल खुद ही उठाते हैं हम, सवाल पर अपने।
चांदनी से भरी काली रात,चमकते तारों की चादर ओढ़े आसमान,
भीनी भीनी खुशबू संग बहती मस्त हवा,
सम्मोहित करता पूनम का चांद,और ख्वाब में ही सही
मेरे संग तुम,खुद ही फिदा हो जाता हूं,इंतजाम पर अपने।