रास्ते कुछ इस तरहसे चल रहे थे
रास्ते कुछ इस तरहसे चल रहे थे
रास्ते कुछ इस तरह से चल रहे थे कि मैं रोक नहीं पाया
ख़ुशी के पल भी ऐसे आये की मैं रोक नहीं पाया
पर क्या कहूँ कि वे पल कुछ इस तरह से आये कि, मन को भा गये
कुछ उमीद नहीं थी पाने की, मगर जिन्दगी बहुत कुछ दे गई
रास्ते कुछ इस तरह से चल रहे थे कि मैं रोक नहीं पाया
रास्ते आते है, और चले जाते हैं,
दोस्त भी कुछ इस तरह से आते हैं और चले जाते हैं,
मगर जाते-जाते बहुत कुछ दे गये
रास्ते आते हैं और जाते हैं, देते कुछ भी नहीं,
पर बहुत कुछ दिखा जाते
दोस्त रास्ते के जैसे जिन्दगी में आते हैं
और यादें दिल में छोड़ जाते हैं।
रास्ते कुछ इस तरह से चल रहे थे कि मैं रोक नहीं पाया।