STORYMIRROR

रोशन नवघरे

Abstract

3  

रोशन नवघरे

Abstract

बदलते रंग और रूप...

बदलते रंग और रूप...

1 min
260

बदलते ये नजारे...

बदलते ये दुनिया के दस्तूर...

बदलती ये कहानियां ...

बदलते ये रंग रूप...

बदलते ये रुपो मे दिखाने वाले रंग...

बदलते ये दुनिया के नजारे...

बदलते ये दुनिया का रूप...

साला गिरगिट भो फैल हो गया...

इन्सान के रंग और रूप देख के...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract