पाया तो कुछ भी नहीं खोया बहोत
पाया तो कुछ भी नहीं खोया बहोत
पाया तो कुछ भी नहीं खोया बहोत कुछ..
हर कोई पाने की तमन्ना करता है खोने की नही..
मैने भी तमन्ना कि थी पाने की, मगर खो बैठा..
जो अपना था ही नही उसे पाने की तमन्ना कर बैठा..
मै भी इन्सान हूँ मै भी बहुत कुछ पाना चाहता हूँ ..
मेरा भी दिल है मै भी दिलो मे बसना चाहता हूँ ..
जो भी पाया है मेरा अपना था..
जो भी खोया वे अपना था ही नही..
रिश्तो की चाहत थी अपनेपन की मगर बस,
एक रिशता सा बंद कर रह गया..
खाली हाथ आया था खाली ही जाऊंगा..
मगर आते समय मै तो रोते हुए आया था और सबके चेहरे पर मुस्कान ले आया था..
मगर जाते समय चुप होकर जा रहा हूँ और आपको रुलाके जा रहा हूँ ..
बस जिंदगी में कभी किसी के दिल में ना बस पाया
मगर जाते समय दिलं मे बसा लेना..
पाया तो कुछ भी नहीं पर खोया बहत कुछ..
पाया तो कुछ भी नहीं पर खो कर रहे गया.
