कश्ती
कश्ती
तेरी आंखों में ऐसी खोई
कश्ती ना मिली डूबती चली गई
समंदर जितनी गहराई पाई
तैरना न आया डूबती चली गई
तेरे प्यार की लहरो में गुम हो गई
अपने आपको मैं खो आई
प्यार के तूफान में ऐसे फंस गई
जन्म जन्म तक निकल न पाई
तेरी आंखों से तेरे दिल में समाई
कश्ती ना मिली तो खुद को
तुझ में डूबा कर आयी