दुःख
दुःख
हम सोचते हैं हम ही दुखी है,
पर ठीक से देखो तो हम बहुत सुखी है।
हमारे पास खाना है,
ऐसे कई लोग है जो भूख की वजह से दुखी है।
हम अपने घर मै आराम से रहेते है,
सिर पे छत न होने के कारण काफी लोग दुखी है।
हम अपनी बात बोलके समझा सकते हैं,
बोल नहीं सकते इसलिए कई लोग दुखी है।
हम चल सकते हैं,
पैर के अभाव के कारण काफी लोग लाचार है।
हमने किसी अपने निजी को खोया नहीं,
अपनो को कंधा देकर कई लोग बेबस है।
हम जब जो चाहे वो खरीद सकते हैं,
बेटे के कफन के लिए काफी लोग रोए हैं।

