अकेलापन
अकेलापन
जब सबको प्यार से रखो
फिर भी कोई तुम्हें पसंद न करे
वो है अकेलापन।
किसी भी आशा बिना सबका खयाल रखो
पर खुद बीमार हो कोई साथ न दे
वो है अकेलापन।
सब के आँसू पोंछने के लिए तुम हाजिर हो,
पर तुम दुखी हो किसी को फर्क न पड़े,
वो है अकेलापन।
बुरे वक्त में सब के साथ खड़े रहो,
फिर भी तुम्हारे बुरे वक्त में ऊपरवाला ही रहे,
वो है अकेलापन।
सबका दूख तुम समझो पर खुद दुखी हो
खुद को खुद ही दिलासा दो ,
वो है अकेलापन।
सब एक दूसरे से बाते करे तुम देखते हो
पर खुद आईने में बाते करो ,
वो है अकेलापन।
हर किसी का दर्द तुम बांटते हो
पर खुद अकेले में रोओ ,
वो है अकेलापन।
लगे किसी को ज़रूरत नहीं तुम जिंदा रहो,
या मर जाओ
वो है अकेलापन।
