STORYMIRROR

Hetshri Keyur

Abstract Tragedy Inspirational

3  

Hetshri Keyur

Abstract Tragedy Inspirational

क्या है जिंदगी

क्या है जिंदगी

1 min
224

छोटी छोटी ख्वाहिशों से

बनती है ज़िन्दगी।


माता पिता के अहसानों से

बड़े होना है जिंदगी।


शादी करके जीवनसाथी के

साथ गृहस्थी बसाना है जिंदगी।


खुद का घर पसीने की

कमाई से लेना है जिंदगी।


बच्चों को अच्छी परवरिश

देना है जिंदगी।


छोटी छोटी खुशियों में

खुश होना है जिंदगी। 


गम कितने भी हो

मुस्कुरा के जीना है जिंदगी।


खुद की गलती न होते हुए भी

 माफी मांगना ही है जिंदगी।


अपने खुश रहे तभी मैं खुश रह पाऊं

 क्यों कि अपने ही तो है जिंदगी।


खुद के रोने से शुरू

दूसरे मेरे जाने से रोए

तब खत्म हो यही तो है जिंदगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract