करती रहूंगी इंतजार
करती रहूंगी इंतजार
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जन्मों जन्म में तेरा करती रहूंगी इंतजार
काया मेरी न रहे फिर भी मैं
तुझे करती रहूंगी प्यार
कान्हा सामने तू भले न आए
तेरा तस्वीर से करती रहूंगी दीदार
बाते करती रहूंगी में
तेरी तस्वीर से हर बार
तेरे नाम की माला जपते जपते
कर दूंगी देह त्याग
तेरा आवाज सुनने की आस में
रहती में हरदम बेकरार
कान्हा जो में बोलूं
सामने तू मुझे पुकारता है
ऐसा भ्रम मेरे मन में हर बार
जन्मों जन्म में तेरा करती रहूंगी इंतजार
