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Bherusingh Chouhan

Drama

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Bherusingh Chouhan

Drama

एक रंगीन त्यौहार

एक रंगीन त्यौहार

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फागुन माह में आती होली 

मस्ती का त्यौहार लिए,

भेदभाव सब छोड़ के आज

मधुर मिलन का अंबार लिए।


श्री कृष्ण खेल रहे होली

आज राधा के संग,

रंगे जा रहे हैं राधा 

भर भर पिचकारी रंग।


भीग गई चुनरी राधा की

और भीग गया है अंग,

कर्ण प्रिय मधुर स्वर संगीत

दे रहा है थापों से मृदंग।


अंत कर बुराई का खेले होली

कहता है आपसे यह "तरंग",

न डालो कीचड़ गोबर किसी के

रंग गुलाल से खेले लिए उमंग।



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