जलाएं प्रेम दीप हम एक ऐसा
जलाएं प्रेम दीप हम एक ऐसा
अमावस की रात अंधेरी हो काली
मनाए अब की बरस ऐसी दीवाली।
जलाएं प्रेम दीप हम एक ऐसा
हो चारों ओर बस खुशहाली।।
बांटे प्रेम का ऐसा हम खज़ाना
रहे ना हाथ किसी का खाली,
बहा दें प्रेम की हम सरिता
ना दें किसी को गंदी गाली।
अमावस की रात.....
खिलेगी प्रेम की अब बगिया
महके फूलों से हर डाली,
अमन संदेश का हो यारों
ख़ुश हो देश का हर माली।
अमावस की रात .....
जलेंगे दीप दिलों में अब यारों
रोशनी अब होगी ऐसी निराली ,
ज्वाला प्रतिशोध की हम बुझाएं
पिलाएं प्रेम की सबको हम प्याली।
अमावस की रात .....