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kavita Chouhan

Abstract

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kavita Chouhan

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होली का त्यौहार

होली का त्यौहार

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गूँज वो पिचकारी की

रंगों की बौछार

राधा की उम्मीदें

किशन का सारा प्यार

पकवानों की खुशबू

खुशियों की बहार

मतवालों की टोली

रंग बिरंगी जलधार

भाँग,ठंडाई की मस्ती

अपनों का दुलार

बच्चों का हुड़दंग वो

रंग सजा हर द्वार

शोर ढोल,ताशों का

नर नारी का राग

लाल,पीला गुलाबी

खास बना हर रंग

खिले टेसू निराले

फैली सुगन्ध मद्धम

मदमस्त हवा मतवाली

सुहाना फागुन मास

धरा फिर रंगीन हुई

आया होली त्योहार।।


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