नव वर्ष
नव वर्ष
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विदा हुआ वह वर्ष पुराना
फिर आया एक पल सुहाना
सरल,सरस आसन डगर होगी
उज्जवल सुनहरी पहर होगी।
नव पल्लव,नव सुमन आये
उपवन में ख़ुशहाली छाये
हताश मुखड़े कुछ मुस्काये
हॄदय में इक आस लगाये।
प्रण ये नव दिवस ही करना
आरोग्य सदा सहेज रखना
नैराश्य, इर्ष्या,को दूर रखे
मन मे उल्लास,उमंग भरे।
नववर्ष का आज स्वागत करें
विभोर हॄदय अभिनंदन करें
पूर्ण पथ आलोकित होगा
चित्त हर्षित पुलकित होगा
आयेगी भोर इक सुहानी
आरंभ फिर नई सी कहानी
प्रमोद,हर्ष,आस सजायेगा
नव्य वर्ष यूँ उजास लायेगा।
