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kavita Chouhan

Romance

4  

kavita Chouhan

Romance

***यादों में तेरी***

***यादों में तेरी***

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यादों में तेरी इन आँखों का 

बरसना भी जरूरी था

नादान ए दिल का जलना भी 

जरूरी था

इश्क़,मोहब्बत, प्यार तो बहुत

हुआ

तन्हाई में इस दिल का तड़पना

भी जरूरी था


रूह तक पहुंचे इश्क़ के निशां यूँ

साँस से जुड़ी हर साँस रहे फिर

दो जिस्मों का इक जान बनके

मिलना भी जरूरी था


इंतज़ार था दिल को बहुत उसका

राह देखता पल पल कितना

याद में तेरी ताउम्र दिल का

सिसकना भी जरूरी था


 मुमकिन नहीं अब मिलन हमारा

रोता, तड़पता दिल ये बेचारा

जुदाई में तेरी इस दिल का

यूँ टूटना भी जरूरी था


प्यास भी खत्म हुईं तरसते तरसते 

अब्र भी ठहर गया बरसते बरसते

इश्क़ के दरिया का फिर यूँ 

बहना भी जरूरी था।



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