गीता का ज्ञान
गीता का ज्ञान
गीता का सबसे महान श्लोक
यह कहता है कि
आपके अंदर जो आत्मा है
वही आत्मा सभी जीवित प्राणियों में स्थित है ।
अर्थात समझ लीजिए
किसी दूसरे को कटुवचन अपशब्द कहना
उससे मारपीट, द्वेष, ईर्ष्या करना
या उसका बुरा करना,
वह सब अपना ही बुरा करना है।
तो हम किस प्रकार
किसी का अहित सोच भी सकते हैं?
कुछ लोग
धर्म से उबर गए
जाति से उबर गए
अब फिरकों और पंथ् में बंट गए।
और उन पंथों में भी अलग अलग
समूहों में बंट गए।
ऐसे लोग क्या मोक्ष प्राप्त करेंगे
मोक्ष परायण व्यक्ति
सबके कल्याण, उद्धार और हित के लिए जीता है।
यह मेरे धर्म का
मेरी जाति का
मेरे पंथ का
पंथ में भी मेरे समूह का
मैं केवल उसी का उपकार करूंगा।
ऐसा कहने वाले
क्या परमात्मा प्राप्त करेंगे?
जागो
जीवन अनमोल है
और धीरे-धीरे जा रहा है।
भ्रम से उबरो
मानवता को समझो
परमात्मा याद दिला रहा है।