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Bherusingh Chouhan

Abstract

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Bherusingh Chouhan

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आई दीवाली

आई दीवाली

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घर आंगन में दीप जलाएं 

मिलकर मम्मी पापा आज,

धूम धड़ाका दीवाली का

आज खुशियों का है राज।


कोई लाया बम पटाखा

और लाया कोई फ़ूल झड़ी,

कोई अनार रामबाण तो

और लाया कोई सूर सूरी।


खूब खाए खील बताशे

लक्की भर भर जेब,

स्वीटी खाए ख़ूब मिठाई 

और हर्षम खाए सेव।


जले दिलों में दीप निराला 

दूर अंधेरा हो मन का,

मनाएं दीवाली मिलजुल कर 

मिले आनंद इस जीवन का।


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