जले दीप आशाओं के ..
जले दीप आशाओं के ..
है दीपोत्सव
नूतन वर्ष के
इस नव प्रभात से
तेरा यह मंगलमय आगमन
जले दीप प्रेम का
और जलाएं
दीप से दीप अनेक
सुख समृद्धि का
फैले चौगिर्द आलोक
मिटे तम हृदय से
पाप अज्ञान का।
हे दीप मालिके
महके सुमन सौरभ सी
जीवन की यह फुलवारी
गूंजे घर आंगन में
खुशियों की किलकारी।
हे दीप ज्योति
दीप शिखा तुम बनकर
बस जाना मेरे मन में
हे कामना यह हमारी
जले दीप आशाओं के
सदा इस जीवन में।