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Bherusingh Chouhan

Abstract

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Bherusingh Chouhan

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21 वीं सदी की ओर....

21 वीं सदी की ओर....

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वाणिज्य शिक्षकों से

विद्यार्थी स्कूल में

विज्ञान पढ़ रहे हैं।

क्योंकि हम आज

21 वीं सदी की ओर

अब बढ़ रहे हैं।।


राम से ज्यादा सम्मान 

हो रहा है लंकेश का ,

चौगिर्द पतन हो रहा

आज इस देश का।


तस्वीर विकास की हम

हर रोज मढ़ रहे हैं।

क्योंकि हम आज

21 वीं सदी की ओर

अब बढ़ रहे हैं।।


स्वास्थ्य विभाग को भी

आती नहीं शरम हैं ,

लक्ष्य पूरा करने को

नहीं किसी से कम हैं।


नसबंदी के लिए यारो

कुवांरों को पकड़ रहे हैं।

क्योंकि हम आज

21 वीं सदी की ओर

अब बढ़ रहे हैं।।


घूम रहे सड़कों पर

बच्चे भूखे और नंगे ,

चौतरफा देश में

हो रहे सांप्रदायिक दंगे।


लोग धार्मिक उन्माद की

बलि चढ़ रहे हैं।

क्योंकि हम आज 

21 वीं सदी की ओर

अब बढ़ रहे हैं।।


हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई

सभी के दिलों में है प्यार,

ईद ,दिवाली या हो क्रिसमस

मिलकर मनाते हम त्यौहार।


फिर मजहब के नाम पर

ये क्यों लड़ रहे हैं।

क्योंकि हम आज

21 वीं सदी की ओर

अब बढ़ रहे हैं।


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