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Nisha chadha

Tragedy

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Nisha chadha

Tragedy

कमरा बच्चों का

कमरा बच्चों का

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बच्चों का कमरा जो बना हुआ था कभी उधम स्थल.

आज वहीं सन्नाटा पसरा हुआ दीखता है हर पल.

हमेशा टोकते - टोकते थके थे .

स्टडी - टेबल कितना ' मैसी ' है साफ क्यों नही करते?

गीला तौलिया फिर पलंग पर फेंक दिया .

गिटार पर 'कवर ' क्यों नही चढ़ाया?

स्कूल बैग रात को ही पैक किया करो .

लो - अब 'शू पौलिश 'ले के बैठ गए. .

नाश्ता ठंडा हो रहा है, जल्दी करो बस छूट जायेगी.

घड़ी में टाईम आधा घंटा पहले का सैट कर के रखते थे.

फिर भी मैं ही पीछे रह गई, वक्त आगे निकल गया.

मेरी हिदायतों का सफर इतनी जल्दी विराम ले लेगा, सोचा न था.

बच्चे बड़े हो कर परवाज़ भर जाते हैं.

मीठे वादे, शरारती यादें सब घर में ही छोड़ जाते हैं!



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