माँ ..... तुम्हे याद है?
माँ ..... तुम्हे याद है?
मैं घर के अपने कमरे में
छोड़ आई थी, कुछ किताबें और
शरारते बचपन की
आपने सभांल ली थी न माँ ,
सहेलियों का घर आना
पेड़ से तोड़ कर
कच्चे अमरूद और जामुन खाना ,
सावन में गाने सुनते हुए
झूला झूलना
माँ ..आपको याद है न ,
मेरी डायरी
कुछ ज़रूरी नोट्स
मेरी पेंटिंग्स
स्टैंप्स का एल्बम
सिक्कों से भरी गुल्लक
जो आपने मेले से ले के दी थी
कुछ याद आया ...माँ ,
गर्मियों की रात में
ठंडे पानी का छिड़काव
छत पर बैठ कर दादी जी से
'परियों ' की कहानी सुनना
तारा टूटने पर आंख बंद करके
''विश 'मांगना
और क्या क्या याद है ..माँ? ,
मैं तो अपने साथ ले कर आई थी
अपनी शिक्षा और
आपकी दी हुई ' संस्कारो की पोटली '
इसीलिए सब संभाले हूँ
अपनो को भी
और .. सपनों को भी
आप खुश हो न ...माँ .?
