खुशी का मतलब
खुशी का मतलब
खुशी के मायने सबके अलग होते हैं।
मगर खुशी में मुस्कान के राज दबे होते हैं।
ये झलक ही जाती है आँखों से या बातों से।
ये और बात है सबके अंदाज अलग होते हैं।
माता-पिता की खुशी औलाद की तरक्की में।
औलाद की खुशी माता पिता की मुस्कान में।
पति-पत्नी एक-दूजे की खुशियों में खुश हो लेते हैं
बड़े-बूढ़ों की खुशी भावी पीढ़ी से मिले सम्मान में
खुशियों का सबकी राज अलग होता है।
खुश रहने का सबका अंदाज अलग होता है।
मगर असली खुशी है रोते चेहरों को हँसाने में।
जो करता है ऐसा उसका मिजाज अलग होता है।
हाँ खुशी का मतलब है औरों को खुशी देना।
मुरझाए दिलों में प्राण फूँक देना।
जीवन सँवारना किसी का अपने नेक कर्मों से ,
व्यक्तित्व किसी का खुशियों से मढ़ देना।
व्यक्तित्व किसी का खुशियों से मढ़ देना।