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Amita Dash

Tragedy

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Amita Dash

Tragedy

अंतरराष्ट्रीय काब्य प्रतियोगि

अंतरराष्ट्रीय काब्य प्रतियोगि

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मां एक शब्द नहीं

अनोखा एहसास

कोई लम्हा नहीं, कोई दिवस नहीं,हर घड़ी ढूढती है आंख।

बताओ कौन सा एक महीना

कौन से देश, जहां वो याद न आए।

जहां भी तुम जाओ,भूला नहीं पाओगे वो है आसपास।

चुम्बक सा आकर्षण,

खींच लाता है उसका सम्मोहन।

बड़ी जादूगरनी

चुटकी में सुलझा देगी हर मुसीबत।

कोई गिला ,शिकवा नहीं

हरदम मुस्कुराता चेहरा लिए

घूमें सामने हमारी।

धरती,गगन , विश्वब्रम्हाण्ड् में

मेरी मां महान।

मां' स्तनपान अमृत समान।

उसे समझना बहुत गहन।

गलती छुपाना हो जाती कठिन।

मैं हूं तेरी गुड़िया रानी

तेरे से दूर जा न पाऊं

हरक्षण,हरपल याद करूं

मेरी बच्ची में तुझे देखूं

तेरी तरहा वो बनेगी जरुर

तेरी संस्कार कभी न भूलें

तेरी बातें पत्थर की लकीर

न मानती तो बनती सड़क के फ़कीर।

तेरी शिक्षा यही कहता,

दुनिया जितनी बूरी हो तुम रहो कोशदूर।

समाज चाहे जितना सताए

हरदम मुंह में हंसी लाओ।

कभी ऐसा दिन आएगा,

तुझसे हमेशा के लिए बिछड़ना पड़ेगा सोचके रोना आता था।

तु होती तो ये बोलती,ये दुनिया का रीत।

आज़ तेरी बहुत याद आए

तु कहां चली गई किसे बताएं।


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