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Dashrathdan Gadhavi

Romance Classics Inspirational

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Dashrathdan Gadhavi

Romance Classics Inspirational

क्या वजुद हे मेरा..

क्या वजुद हे मेरा..

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क्या वजूद है मेरा,

जहां बजता डंका तेरा। 


में तो करुं बस फोगट फेरा, 

हे दो दिन तेरी दुनिया में बसेरा। 


मैं हूँ समोहित, मायाधर तुझसे.. 

ना जाने किस रुप में, तू आ जाए सपेरा। 


दिल दे दिया मैंने ओ देवता.. 

तू दाता नहीं पर निकला लुटेरा। 


संसार का नियंत्रण तेरे हाथों में, 

मैं संसारवश, मन ओर शरीरा। 


अब दया कर, कर दूर सब दूरियाँ,

और दूर करो, ये धटाटोप अंधेरा। 


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