॥ राह ॥
॥ राह ॥
हमने तो सबका भला चाहा
सबके मददगार बने
लेकीन दुनियां की नजर मे
हम सिर्फ गुनहगार बने
देखते रहे औरोंकी खुशियां
अपने मन की ना सुनी
रास न आयी हमे ये दुनियां
दुनियां से तो हमारी न बनी
जमाने के गर्दिश में
कोई भी न था अपना
जीवन मे हमने भी कभी
देखा था एक सुंदर सपना
कागज के फुलोंकी तरह
दुनियां के ऊसुल है
लगते है सब अपने मगर
राह पर हम अकेले हैं।