अमर जवान"
अमर जवान"
सरहद पर खडे जवान हर एक माँ के दिल
की जान होते हैं.....
लडकियां जैसी चन्द दिन मायके की
मेहमान और पिता का अभिमान होती हैं.....
पूछो उस सैनिक से वर्दी क्या हैं न घर
न परिवार वर्दी तो उनकी शान होती हैं.....
हंसकर झेली गोली जिसने ऐलान कर देते हैं
रखो खयाल इस धरती माँ का दोस्तो अब हम चलते हैं..
तारीफ करू ️इस वर्दी कि तो रात बीत जाती है...
बोलते बोलते पता न चलता कब सुबह हो जाती है
मोहब्बत तो पूछो न उनकी कहते मिल के तो सबकी होती हैं
ऐसी मोहोब्बत करते हैं ये जो दूर रहकर भी बढती हैं.....
तन मन धन सब अर्पित कर सच्चा प्यार करते हैं
पूछ लिया गर कभी कौन हैं वो तो कहते हम
धरती माँ पे मरते हैं.....
खयाल रखना अपना कहते हैं तो जवाब मिलता हम न किसी से डरते हैं .....
जब न आये पैगाम हमारा तो समझ लेना
तिरंगे में लपेटकर हर कोई नहीं जाता हमें अमर जवान कहते हैं...