STORYMIRROR

M@nsi Gaikar

Romance

3  

M@nsi Gaikar

Romance

मिलते थे वॊ हमसे रास्ते से चलते चलते

मिलते थे वॊ हमसे रास्ते से चलते चलते

1 min
207

मिलते थे वॊ हमसे रास्ते 

से चलते चलते ......

चाय की चुस्कीयो संग जैसें 

दिन ढलते ढलते .....

उनकी देखी अनदेखी नजर 

रुकसी जाती थी मिलते मिलते .......

लेकिन बिछड गये दो दिल 

मुरझाये जैसे फुल खिलते खिलते .....।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance