मिलते थे वॊ हमसे रास्ते से चलते चलते
मिलते थे वॊ हमसे रास्ते से चलते चलते
मिलते थे वॊ हमसे रास्ते
से चलते चलते ......
चाय की चुस्कीयो संग जैसें
दिन ढलते ढलते .....
उनकी देखी अनदेखी नजर
रुकसी जाती थी मिलते मिलते .......
लेकिन बिछड गये दो दिल
मुरझाये जैसे फुल खिलते खिलते .....।

