रिश्तों में बराबरी
रिश्तों में बराबरी
कुछ लोगों से सुना था कि
रिश्ता बराबरी वालों में होना चाहिए
अक्सर सोचती थी ऐसा क्यों?
अब लगता है कि शायद लोग सही कहते होंगे
क्योंकि अगर बराबरी वालों में रिश्ता नहीं हो तो
कभी ऊंच-नीच का भेदभाव होता होगा,
कभी-कभी कुछ तनाव होता होगा,
कभी किसी के कुल की शान घटती होगी,
कभी कुल में लोगों की जान बसती होगी।
बराबरी न होने पर शायद रिश्तों को निभाना मुश्किल होता होगा।
और बराबर वाले रिश्ते में सब मुमकिन होता होगा।
बराबरी के रिश्तों में सोच भी बराबर होती होगी।
सोच बराबर होने पर रिश्तों में प्यार ज्यादा होता होगा।
प्यार से रिश्तो में सुख और शांति होती होगी।
हां,
शायद कुल की मर्यादा बनाए रखने के लिए,
शायद सोच पर दबाव बनाए रखने के लिए
रिश्तों में बराबरी का होना जरूरी है।
