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Sanjay Jain

Abstract

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Sanjay Jain

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मुक्ति का मार्ग

मुक्ति का मार्ग

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मुक्ति धर्म के श्रावक सुन लो,

गुरु विद्यासागर जी की एक बात।

सत्य अहिंसा से बढ़कर

 कुछ नही होता है धर्म यार।


जो भी श्रावक अपनाते है, 

सत्य अहिंसा के पथ को।

मोक्ष का मार्ग उन्हें दिखता, 

इस पथ पर चलते हुये।


सत्य अहिंसा से बढ़कर, 

और कोई दूजा धर्म नहीं।

सुन लो सर्वधर्म के श्रावक,

मुक्ति मिलेगी इसी पथ से।


चारो दिशाओं में घूमकर देखो

जीवन का अर्थ समझ आएगा।

क्या खोया और क्या पाया,

तुमको समझ आ जायेगा।


सदा भाव तुम शुद्ध रखो,

मुक्ति का पथ दिख जाएगा।

मानव जन्म ये तेरा, 

मानो सफल हो जाएगा।


धारण करते तपस्वी जीवन,

खुद के आत्म कल्याण को।

जिओ और जीने दो की, 

परिभाषा समझाते है दुनिया को।


सर्व धर्म के मार्ग पर चलकर,

सार्थक मृत्यु को पायेगा।

अहिंसा परमोधर्मा का संदेश, 

दुनिया में छोड़ जाएगा।


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