STORYMIRROR

Padma Motwani

Abstract

4  

Padma Motwani

Abstract

सुपर पावर

सुपर पावर

1 min
340

सृष्टि के सर्जनहार का वंदन हम करते हैं 

उसके सुपर पावर को नमन हम करते हैं।


आसमान में आलोकित सूरज चांद बनाया 

शक्ति से अपनी उसने तारों को चमकाया।


पशु पक्षियों को कई रंग रूप, आवाज़ दिए 

फल फूलों को कई स्वाद और आकार दिए।


इंसान को सुनने सुनाने का एक आधार दिया

स्नेह सद्भाव प्रेम परोपकार का उपहार दिया।


इच्छा बिना उसके एक पत्ता भी नहीं हिलता

बगिया में किसी डाली पर फूल नहीं खिलता।


श्रद्धा आस्था और विश्वास का वह प्रतीक है

बचपन और बुढ़ापे की जिंदगी का प्रतीक है।


सृष्टि का पालनहार हर जगह विराजमान है

वह सुपर पावर कण-कण में विराजमान है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract