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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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विवाह

विवाह

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विवाह दो रीतियों का मिलन,

दो संस्कारों का निर्वहन,

दो रूहों का आपसी तालमेल,

और दो जिस्मों का समागम।


विवाह वैदिक मंत्रों का उच्चारण,

कठिनाइयों का एक साथ क्षारण,

सात जन्मो का है ये बंधन,

पवित्रता के साथ नियमों का पालन।


विवाह जन्म जन्मांतर का बंधन,

सुख दुख दोनों में कर्तव्यों का निर्वहन,

सात फेरों से जुड़ जाते हैं दो तन,

दो आत्माओं का है पूर्णतः मिलन।


विवाह जीवन का आधार,

मिटाये सारे ही पापाचार,

वंश बेल में होती है वृद्धि सदा,

यह प्रेम का बनता है आधार।


विवाह दो परिवारों का जुड़ना,

सुख दुख दोनों में दिल से जुड़ना,

प्रेम और विश्वास के नींव से जुड़कर,

जन्म जन्मांतर तक साथ ही रहना।


विवाह नहीं कोई कानूनी मसौदा,

नहीं कर सकता है कोई ये सौदा,

जब तक दिल गवाही न दे तब तक,

नहीं रिश्तों का जा सकता है रौंदा।


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