क्योंकि उस वक्त अपनों का साथ जो नहीं होता। क्योंकि उस वक्त अपनों का साथ जो नहीं होता।
आप बस, पकड़ लेते है, सहारे की तरह उनको पूरी उम्मीदें उनसे, आप बस, पकड़ लेते है, सहारे की तरह उनको पूरी उम्मीदें उनसे,
दिलचस्प अनुभव का पिटारा हो गयी है हमारी जिन्दगी। दिलचस्प अनुभव का पिटारा हो गयी है हमारी जिन्दगी।