हर कोई एक जैसा नहीं होता
हर कोई एक जैसा नहीं होता
सबकी अलग पहचान होती है
हर कोई एक जैसा नहीं होता
जो काम सुई कर सकती है
वो काम कोई हथियार नहीं कर सकता
सबका अपना महत्व है,
सबके हैं भिन्न-भिन्न गुण
चेहरा तो तस्वीर भी दिखाती है
पर सच दिखाता है सिर्फ़ दर्पण
तुम मानो तो पत्थर भगवान है
न मानो तो महज़ ठुकराने की वस्तु
आन्तरिक गुणों को पहचानकर,
बाहरी सुन्दरता को तज तू
इस जग में सब गुणों से महान हैं
जहाँ विश्वास है, वहीं भगवान हैं
स्वयं को किसी से कम न आँकना
दूसरों को देख तू क्यों परेशान है.