माॅं
माॅं
चांद सितारे खेले जिसमें
माँ ऐसी अंगनाई है
रोम-रोम में प्यार बसा है
माँ ममता की मूरत है।
देख के जिसको शुभ होता है
माँ ऐसी सूरत है।।
सात स्वरों में जो बोले है
माँ ऐसी शहनाई है।
बच्चों के हित में जीती है
जग में यही उजागर है ।
हर पल स्नेह छलकता जिसमें
माँ करूणा की गागर हैं।।
बच्चों को हो कष्ट जरा सा
माँ को ये दुखदाई है।
माँ के चरणों में जन्नत हैं
ईश्वर जिसमें वास करें
माँ की सेवा ही पूजा है
हम इसका विश्वास करें
थाम मोक्ष का पाया उसने
जिसने लगन लगाई है।