अभिलाषा
अभिलाषा
मन मयूर नाच उठा,
दिव्य दिशा दिखा दो।
भगवान भले मार्ग पर,
पग- पग कदम बढ़ा दो।
भानु भाल पर मेरे हो,
प्राण प्रण भरा हुआ।
काम क्रोध त्याग मैं,
नित नए आयाम दूं।
स्वच्छ, स्वस्थ जिन्दगी हो,
स्वप्न स्वार्थ से परे।
लाभ लोभ लील लाल,
अवनि अम्बर पर चले।
हो हंसी होंठों पे मेरे,
नयन नीर से भरे।
अरुण अरुणिमा बिखेरे,
चांद चमके, चांदनी दे।
कर्मरत कर्तव्य पथ पर,
स्व स्वार्थ कुर्बान करूॅं।
धन धान्य भरा हो देश मेरा,
धर धीर धरा पर प्राण तजूॅं।