चलता चल
चलता चल
उन्नति के पथ पर चलता चल,
जीवन की खुशियाँ लेता चल।
नभ को छूने की चाहत लेकर,
अविराम निरन्तर चलता चल।
जीवन की सुंदर बगिया में,
अरमान सँजोता चलता चल।
दी राह तुम्हें जिसने -जिसने,
याद उन्हें तू करता चल।
माँ की ममता लेता चल,,
गुरु की क्षमता लेता चल।
ईश्वर की महत्ता को लेकर,
तू राह बनाता चलता चल।
अवलम्ब धरा का बनता चल,
सपनों को पूरा करता चल।
ले जोत ज्ञान की हाथों में,
कर्तव्य मार्ग पर चलता चल।
जीवन के आदर्शों को ले,
मानव की पीड़ा हरता चल।
न हो क्लांत बाधाओं से ,
अपलक अविरल चलता चल।
जीवन के लक्ष्य बनाता चल ,
नित नई उड़ाने भरता चल।
संघर्षो को मित्र बनाकर ,
पथ पर अपने डग रखता चल।
गीता के ज्ञान को लेता चल,
कर्म के पथ पर बढ़ता चल।
एकलव्य सा निश्चय लेकर ,
पग पग कदम बढ़ाता चल ।
तू चलता चल, तू चलता चल।