मां
मां
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माँ मैंने तुझको पहचाना,
जब बिटिया ने मुझे पुकारा माँ।
उसके पहले क्रन्दन पर,
मैं तुझे याद कर रोई थी।
कैसा वह तेरा आँचल था ,
जिसमें सारा मेरा जग था।
तेरी वह मीठी सी झिड़की,
मेरे जीवन की थी खिड़की।
तेरी करुणा की छाया में,
एक अनोखा उपवन था।
जिसमें मुझे केवल पुष्प मिले,
वह एक अनोखा जीवन था।
तू मेरा अवलम्ब सदा थी ,
अब मैं तेरे पग पर चलती हूँ।
जब होती हूँ दोराहे पर,
मार्ग तेरा मैं चुनती हूँ।
आज मुझे हर नारी में माँ,
तेरे ही दर्शन होते है।
माँ तो आखिर माँ ही है,
ये पवन झकोरे कहते है।
माँ तेरी ममता बेमिसाल,
तेरी क्षमता बेमिसाल।
तू बेमिसाल, तू बेमिसाल,
तू चिरमहान, तू चिरमहान।