Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kajal Nayak

Inspirational

4.5  

Kajal Nayak

Inspirational

अर्धांगिनी

अर्धांगिनी

1 min
508



यूँ आँख मूंद क्यूँ बैठे हो 

कुछ मुख से अपने बोलो ना 

मै अदक्ष सहभागिनी हूँ तेरी 

तुम गाँठे ह्रदय की खोलो ना 

ये रुष्ट प्रेम ना भाता मुझको 

मुझ चंचल दिग्भ्रमित को पहचानो ना 

माना तुम हो प्रगल्भ, विज्ञ, नीतिज्ञ स्वामी 

इस अल्पज्ञ के हृदय की बात भी जानो ना 

स्नेही, सुह्रदय तु हमदम है मेरा 

हर पथ पर मै तेरी बाँट निहारूँ ना 

विशाल अथाह हृदय के तुम हो मालिक 

मै तो बस तेरे ह्रदय निलय की स्वामिनी हूँ ना 

विरक्त हो गए तुम कुछ पल मुझसे 

पर इस सौदामिनी को कुछ पल के लिए विचारों ना 

धर्म, कर्म हर पथ के मेरे स्वामी 

मै तेरी संग प्रयासरत वामांगनी हूँ ना 

मेरे अंतिम श्वास के तुम हो मालिक 

ये अनुगामिनी बस तेरी परछाई है ना 

बाँध रखा है जिसको तुमने अपने मोह प्रेम में 

देखो मै वही तेरी "अर्धांगिनी" हूँ ना।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational