इस पर, फैला कर कचरा इसे गंदा न कर। इस पर, फैला कर कचरा इसे गंदा न कर।
उसकी मां ही समझती है मां ! अक्सर ऐसी ही होती है। उसकी मां ही समझती है मां ! अक्सर ऐसी ही होती है।
मैं फिर रक्त शिलाओं को स्पर्श देती हूँ आश्वासन का... मैं फिर रक्त शिलाओं को स्पर्श देती हूँ आश्वासन का...
जरा सी हिचकी क्या आई बेटे को झट से उसे पानी पिलाती है। जरा सी हिचकी क्या आई बेटे को झट से उसे पानी पिलाती है।
हाथ से फिसलती रेत, देखती रह जाती हूं हाथ से फिसलती रेत, देखती रह जाती हूं
अथाह हो तुम, विस्मृत करूँ तुम्हें कैसे। अथाह हो तुम, विस्मृत करूँ तुम्हें कैसे।