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जी हाँ वो एक नारी है, जो आज सब पर भारी है। जी हाँ वो एक नारी है, जो आज सब पर भारी है।
कोई जमाना था जब पत्रकारिता एक जुनून हुआ करती थी । कोई जमाना था जब पत्रकारिता एक जुनून हुआ करती थी ।
ये वो रंगमंच है साहब जिसमें नुमाइश करने की रवायत है ये वो रंगमंच है साहब जिसमें नुमाइश करने की रवायत है
घर की हर चौखट पर बिखरी होती है सभी की इच्छाएँ घर की हर चौखट पर बिखरी होती है सभी की इच्छाएँ
अश्रु की ज्वाला नयन में विगत कुछ वर्षों की स्मृति अश्रु की ज्वाला नयन में विगत कुछ वर्षों की स्मृति
कोशिश मत करना खुद को बदलने की कोशिश मत करना खुद को बदलने की
जैसे लौट आते है सितारे बादल छटने पर, जैसे लौट आते है सितारे बादल छटने पर,
व्यर्थ चिंतित होकर सारा दिन खोजता रहता हूँ हल व्यर्थ चिंतित होकर सारा दिन खोजता रहता हूँ हल
यूँ आँख मूंद क्यूँ बैठे हो कुछ मुख से अपने बोलो ना । यूँ आँख मूंद क्यूँ बैठे हो कुछ मुख से अपने बोलो ना ।