मेरा पारिश्रमिक लौटा दे!
मेरा पारिश्रमिक लौटा दे!
मैंने जीवन में अबतक जो कुछ भी थोड़े बहुत परोपकार कर पुण्य कमाए होंगे !
हे ईश्वर! आज मैं अपना पारिश्रमिक तुमसे मांगता हूं,
और वो ये पारिश्रमिक इस रूप में की;
मेरी जीवनसंगिनी! जो इस वक़्त जिस पीड़ा से गुज़र रही है, उससे उसे उबार दो
नहीं देखी जाती मुझे उसका असहनीय दर्द!
उसकी रुदन उसका मायूस-सा मासूम चेहरा!
थोड़े ही सही मेरे सत्कर्मों का फल मुझे आज लौटा दो ,
उसे आरोग्यता प्रदान कर उसे पीड़ा से उबार दो!
मेरा पारिश्रमिक लौटा दो,
ग़र कम पड़ जाते हों हमारे के सत्कर्म तो ,
जितना भी हो कम उधार रखना !
सूद -समेत चुका देंगे सारे कर्ज हम मिलकर अपने परोपकारी कर्तव्यों से,
मग़र मेरी बात का मान रखो!
उसे इस पीड़ा से उबार दो!
उसे आरोग्यता का वरदान दो....।।
