कविता
कविता
क्षत - विक्षत
अब- अपोहन
चिंता - हरण
जिजीविषा- या
हादसों के शहर में
नब्ज जाने नहीं
पहचानने का दावा कर
मुकम्मल कविता ----?
क्षत - विक्षत
अब- अपोहन
चिंता - हरण
जिजीविषा- या
हादसों के शहर में
नब्ज जाने नहीं
पहचानने का दावा कर
मुकम्मल कविता ----?