बदलाव
बदलाव
बहुत कुछ है ज़िन्दगी को कहने को
जरुरी है कुछ बदलाव ये मुझे कहने दो
गांव में केसी सोच ये पाई
बिटिया पैदा होते ही कर दी "दूध- पिलाई"
बेटे ही हर "सुख" देते येही सोच समज आई
कर दो ये बदलाव अब
बेटी बेटो से बढ़िया है अब
दहेज़ प्रथा ये केसी आई
"बेटी बिदाई"रस्म महंगी पड़ जाये
माबाप देखो कर्जे में डूब जाये
बेटी ही सबसे बड़ी लक्ष्मीहै
यही मानसिकता बदलनी है
शहर की अब क्या बात करे
कूड़ा कचरा रास्तो पे फेके
विदेश जाये तो सब साफ देखे
वहां सब को नियम समज आये
फिर देश को क्यूँ ना साफ रख पाए ?
मनसिकता बदल जाये
"स्वछता " देशकी ये सिख पाए
आधुनिकता ज़माने से भाये
चलचित्र देख फेशन बढ़ती जाये
लुटे धुन और लुटे इज़्ज़त
चलो कुछ मज़ा करते है
ना समजे एक बहनभी घर पे है
स्त्री सम्मान ज़रूरी है
यही सोच समझनी है
करो कुछ मानसिक बदलाव
आएगा ज़रूर देश में बदलाव
गर थोड़ा खुद सुधर जाये
फिर तो खुद पे ही तारीफ के फूल बरसाए।