दर्द
दर्द
मैं बहुत दूर हूं, न जाने क्यूं मजबूर हूं।
आना तो चाहता हूं पास तेरे, पर दर्दे मगरुर हूं।
तेरी मासूमियत से भरी निगाह सवाल करती हैं मुझसे,
यकीनन मैं तेरा अपराधी जरूर हूं।
काश... मिल जाए कोई बहाना मुझे पास तेरे आने का,
गम भूल जाना चाहता जरूर हूं।