ये अपने ही भाई हैं
ये अपने ही भाई हैं
ये भीड़ कहाँ से आयी है ?
ये आग किसने लगायी है ?
गौर से देखो, ये अपने ही भाई हैं|
हाथों में पत्थर, आँखों में अंगारे,
बहकी बहकी बातें, खून ख़राबों के नज़ारे|
देश के अमन चैन को किसने नज़र लगायी है ?
गौर से देखो, ये अपने ही भाई हैं|
उजड़े घर, बिलखते बच्चे,
लहूलुहान सड़कें, अख़बारों में चर्चे।
इक जूनून की रात ये बियाबान सुबह लायी है,
गौर से देखो, ये अपने ही भाई हैं।