STORYMIRROR

Anuradha Sharma

Others

3  

Anuradha Sharma

Others

होली है !

होली है !

1 min
268

मुट्ठी में गुलाल, आँखों में शैतानी। 

दबे पाँव जाना, करना रंगों से मनमानी। 


उम्र का ख्याल नहीं, रंगों की बौछार हो,

नफरत के पहरे नहीं, बस खुशियों से सरोकार हो। 


है शरद ऋतु का अंत, और बसंत का आगमन। 

होली के ख्याल से ही, प्रफुल्लित होता है हर मन। 


केवल मौज मस्ती का नहीं, है सीख का ये त्यौहार। 

मन से बुराई को मिटाकर, हो सबका निर्मल व्यवहार। 


रंगबरसे, मिठाई और ख़ुशी के चेहरे,

होली का त्यौहार लाए लम्हे सुनहरे।  


Rate this content
Log in