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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy

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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy

"प्यार की ताकत नहीं मिली।"

"प्यार की ताकत नहीं मिली।"

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भटकती रही में इधर उधर ,फिर भी इस दिल को राहत ना मिली,

जिस से मैंने चाहा था, जी जान से उसकी चाहत नहीं मिली।

देनी थी मुझको उसे जमाने की तमाम खुशियां,

पर मुझे उनकी इजाजत नहीं मिली।

किया था मैंने उसका बेसब्री से उसका इंतजार,

पर उस रब की मुझे इनायत ना मिली।

वैसे कहने को तो सब कुछ मिल गया जीवन में,

पर उसके प्यार की दौलत नहीं मिली।

वैसे तो खुदा ने दे दिया सब कुछ मुझको,

पर उस के प्यार की ताकत नहीं मिली।

कहें ने को तो है मेरे पास दुनिया की तमाम खुशियां,

पर लगता है जैसे खुदा की रहमत नहीं मिली।

धन दौलत गाड़ी सबकुछ मिल गया,

पर क्या करूँ? जो चाहिए वो नियामत ना मिली।



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