इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है दिल ही दिल में अपना ही धर्म रटे है लोग ! इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है दिल ही दिल में अपना ही धर्म रटे है लोग !
ईश्वर, अल्लाह, हैं दोनो हैरान था मज़हब बनाया या इंसान...? ईश्वर, अल्लाह, हैं दोनो हैरान था मज़हब बनाया या इंसान...?
हवस की राह चलते है, मुहब्बत कौन करता है, फरेबी ज़िन्दगी में आज चाहत कौन करता है गरीबों के नसीबों में... हवस की राह चलते है, मुहब्बत कौन करता है, फरेबी ज़िन्दगी में आज चाहत कौन करता है ...
इक जूनून की रात ये बियाबान सुबह लायी है, गौर से देखो, ये अपने ही भाई हैं। इक जूनून की रात ये बियाबान सुबह लायी है, गौर से देखो, ये अपने ही भाई हैं।