"अमीरी गरीबी।"
"अमीरी गरीबी।"
भूख तो हरेक के पास होती है,
किसी को होती है खाने की भूख,
किसी को होती है कुछ पाने की भूख।
कोई दो वक्त की रोटी के बाद संतुष्ट है,
किसी को लाखों की कमाई के बाद भी मिलता नहीं सुकून है।
किसी के पास संतुष्ट मन है, वो चैन से सो जाता है,
कोई ढेर सारी दौलत पा के भी सो नहीं सकता।
कोई पाई पाई के लिए मोहताज है,
तो किसी को धन कहाँ खर्चना उस की चिंता रहती है।
किसी के महल में ढेर सारे पालतू आश्रय पाते हैं,
तो किसी को सर छुपाने के लिए आसरा नहीं मिलता।
ये कड़वी हकीकत है अपने समाज की,
बहार गरीब भूखा मरता है,
और जहां जरूरत नहीं ,वहाँ लाखों का दान मिलता है।
