पिया
पिया
अल्फाज़ कब जस्बात बन गए पता ना चला
तेरे साथ रहते रहते कब प्यार हो गया पता ना चला
ख्वाब कब हक़ीक़त बन गई पता ना चला
कब बारिश की बूदएं दिल को भीगा कर गई पता ना चला
मुर्शिदी करते करते कब परम सत्य के दर्शन हो गए
दुआएं पता ना चला कब कबूल हो गई।
अल्फाज़ कब जस्बात बन गए पता ना चला
तेरे साथ रहते रहते कब प्यार हो गया पता ना चला
ख्वाब कब हक़ीक़त बन गई पता ना चला
कब बारिश की बूदएं दिल को भीगा कर गई पता ना चला
मुर्शिदी करते करते कब परम सत्य के दर्शन हो गए
दुआएं पता ना चला कब कबूल हो गई।